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मावली ब्लाॅक की सत्रांत वाकपीठ शुरूःसबके सामूहिक प्रयासों से विभागीय विजन की क्रियान्विति करेंः संयुक्त निदेशक, सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षा अधिकारियों का किया गया बहुमान

फतहनगर(शंकरलाल चावड़ा)। मावली ब्लाॅक के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों के संस्था प्रधानों की दो दिवसीय सत्रांत वाक्पीठ सोमवार को डबोक स्थित गीतांजलि इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्निकल स्टडीज के सभागार में शुरू हुई।
वाक्पीठ समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संयुक्त निदेशक महेन्द्र कुमार जैन ने मावली ब्लाॅक के प्रधानाचार्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वाक्पीठ का शैक्षिक दृष्टि से अपना महत्व है। शिक्षा विभाग का जो विजन है वो क्लीयर है। उसकी क्रियान्विति की जानी चाहिए। चुनौतियों का सामूहिक प्रयासों से समाधान करें। सभी पीईईओ अपने साथियों के साथ वर्क कल्चर को डवलप करें। उन्होने कहा कि शिक्षा विभाग में कई लोग ऐसे भी हैं जो अपनी क्षमता से भी अच्छा काम कर रहे हैं। संस्था प्रधान बड़े भाई के रूप में रोल प्ले करें। आज की आवश्यकता के अनुसार एक समय में अनेक काम कैसे करें,यह भी डवलप करना होगा। हम अपने सार्थियों को लीड करें। लीडर नियमों में रह कर इंप्लीमेंट करें तथा सामूहिक प्रयासों से उपलब्धियां अर्जित करें।
अध्यक्षता मुख्य ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार सुथार ने की जबकि गिट्स कैम्पस डायरेक्टर डाॅ.एन.एस.राठौड़,गिट्स वित्त नियंत्रक डाॅ.बी.एल.जांगिड़,डाॅ.हर्षिता श्रीमाली,डाॅ.पी.के.जैन,राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिलाध्यक्ष पुष्पेन्द्रसिंह झाला,पंचायतीराज शिक्षक संघ के शेरसिंह चैहान,प्रगतिशील शिक्षक संघ के धुलीराम डांगी,सहायक निदेशक सुशील गुप्ता,मांगीलाल मेनारिया,वल्लभनगर सीबीईओ गोपाल मेनारिया,आरपी पंकज जोशी आदि बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन थे। वाक्पीठ अध्यक्ष संजय बड़ाला,सभाध्यक्ष श्रीमती आशा सोनी,सचिव मोहनलाल स्वर्णकार,उमेश माहेश्वरी,राजेन्द्रसिंह दल्लावत,प्रदीपसिंह नेगी,मनोज समदानी,गोंपाल साहू तथा कार्यकारिणी सदस्यों ने अतिथियों का सरोपा,उपरना एवं तिलक द्वारा स्वागत किया। छगन मेनारिया द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वन्दना के साथ अतिथियों ने मां सरस्वती की तस्वीर के समक्ष द्वीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की।
उद्घाटन कार्यक्रम के बाद प्रथम सत्र में गिट्स कैम्पस डायरेक्टर डाॅएन.एस.राठौड़ ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इंजीनियरिंग क्यों आवश्यक है पर वार्ता प्रस्तुत करते हुए बताया कि इन्जिनियरिंग शिक्षा का एक ऐसा क्षेत्र है जहां हर समस्या का समाधान है। यह शिक्षा हमें प्रोफेशनलस्किल,टेक्नीकल स्किल,साफ्ट स्किल और स्पेशलाइज्ड स्किल प्रदान करती है। यह शिक्षा विद्यार्थियों को न केवल तकनीकी ज्ञान प्रदान करती है बल्कि उन्हें समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करती है। एम.बी.ए. निदेशक डाॅ.पी.के.जैन ने कहा कि शिक्षक मिट्टी से सोना बनाते हैं जबकि काॅलेज शिक्षक उसको निखारने का काम करते हैं। द्वितीय सत्र में जी.एल.नंदवाना ने मोटिवेशनल वार्ता प्रस्तुत की। सीबीईओ प्रमोद सुथार एवं आरपी पंकज जोशी ने विभागीय योजनाओं को समय पर पूरा करने को लेकर विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के दौरान 29 फरवरी को सेवा निवृत्त हो रहे शिक्षा उप निदेशक पुष्पेन्द्र कुमार शर्मा एवं रा.उ.मा.वि.भानसोल की प्रधानाचार्या श्रीमती मृदुला औदिच्य का बहुमान किया गया। दोनों शिक्षाविदों का सरोपा,उपरना एवं अभिनंदन पत्र प्रदान कर स्वागत किया गया। अभिनंदन पत्र का वाचन वाक्पीठ सचिव मोहनलाल स्वर्णकार ने किया। मंचासीन अतिथियों को आॅक्सीजन प्लान्ट स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट किए गए। आभार वाक्पीठ अध्यक्ष संजय बड़ाला ने ज्ञापित किया।

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