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प्रधानमंत्री के हाथों बीकानेर और राजस्थान के लिए 24 हजार करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण

बीकानेर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों बीकानेर और राजस्थान के लिए 24 हजार करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ है।
लोकार्पण समारोह को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वीरों की धरती राजस्थान को मेरा कोटि-कोटि नमन। ये धरती बार-बार जो विकास से सपर्मित लोग हैं उनकी प्रतिक्षा करती है, बुलावा भी भेजती है। और मैं देश की ओर से विकास की नई-नई सौगात इस वीरधरा को उसके चरणों में समर्पित करने के लिए निरंतर प्रयास करता हूँ। आज यहाँ बीकानेर और राजस्थान के लिए 24 हजार करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ है। राजस्थान को कुछ ही महीने के भीतर में दो-दो आधुनिक सिक्स लेन एक्सप्रेसवे मिले हैं। फरवरी महीने में मैंने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस कोरिडोर की उसके दिल्ली- दौसा- लालसोट सेक्शन का लोकार्पण किया था। और आज, यहां अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे के 500 किलोमीटर सेक्शन को देश को समर्पित करने का सौभाग्य मिल रहा है। यानि एक तरह से एक्सप्रेसवे के मामले में राजस्थान ने डबल सेंचुरी मार दी है।
उन्होने कहा कि रिन्यूएबल एनर्जी की दिशा में राजस्थान को आगे ले जाने के लिए ग्रीन एनर्जी कॉरिडॉर का भी लोकार्पण हुआ है। बीकानेर में म्ैप्ब् अस्पताल का काम भी पूरा हो गया है। मैं इन सभी विकास कार्यों के लिए बीकानेर और राजस्थान के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।


कोई भी राज्य विकास की दौड़ में आगे तब निकलता है, जब उसके सामर्थ्य की, उसकी संभावनाओं की सही पहचान की जाए। राजस्थान तो अपार सामर्थ्य और संभावनाओं का केंद्र रहा है। राजस्थान में विकास की तेज रफ्तार भरने की ताकत है, इसीलिए हम यहाँ रिकॉर्ड निवेश कर रहे हैं। राजस्थान में औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं, इसीलिए हम यहाँ कनेक्टिविटी के इनफ्रास्ट्रक्चर को हाइटेक बना रहे हैं। तेज रफ्तार एक्सप्रेसवे और रेलवे से पूरे राजस्थान में पर्यटन से जुड़े अवसरों का भी विस्तार होगा। इसका सबसे बड़ा लाभ यहां के युवाओं को होगा, राजस्थान के बेटे-बेटियों को होगा।

आज जिस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का लोकार्पण हुआ है, ये कॉरिडॉर राजस्थान को हरियाणा, पंजाब, गुजरात और जम्मू कश्मीर से जोड़ेगा। जामनगर और कांडला जैसे बड़े कमर्शियल सी-पोर्ट भी इसके जरिए राजस्थान और बीकानेर से सीधे जुड़ जाएंगे। एक तरफ जहां बीकानेर से अमृतसर और जोधपुर की दूरी कम हो जाएगी तो वहीं जोधपुर से जालौर और गुजरात की दूरी भी घट जाएगी। इसका लाभ इस पूरे क्षेत्र के किसानों और व्यापारियों को बड़े पैमाने पर मिलेगा। यानि एक तरह से ये एक्स्प्रेसवे पूरे पश्चिमी भारत को उसके औद्योगिक गतिविधियों को नई ताकत देगा। खासकर, देश की ऑयल फील्ड रिफाइनरी इसके जरिए जुड़ेंगी, सप्लाई चेन्स मजबूत होंगी, और देश को एक आर्थिक रफ्तार मिलेगी।
आज यहां बीकानेर रतनगढ़ रेल लाइन के दोहरीकरण का काम भी प्रारंभ हुआ है। हमने राजस्थान में रेलवे के विकास को भी अपनी प्राथमिकता में रखा है। 2004 से 2014 के बीच राजस्थान को रेलवे के लिए हर साल औसतन एक हजार करोड़ रुपए से भी कम मिले थे। जबकि हमारी सरकार ने राजस्थान में रेलवे के विकास के लिए हर साल औसतन करीब-करीब 10 हजार करोड़ रुपए दिए हैं। आज यहाँ तेज रफ्तार से नई रेल लाइनें बिछ रही हैं, रेलवे ट्रैक्स का तेजी से विद्युतीकरण हो रहा है।
इनफ्रास्ट्रक्चर के इस विकास का सबसे ज्यादा फायदा छोटे व्यापारियों और कुटीर उद्योगों को मिलता है। बीकानेर तो अचार, पापड़, नमकीन और ऐसे तमाम उत्पादों के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। कनेक्टिविटी और अच्छी होगी तो यहाँ के कुटीर उद्योग कम लागत में अपना माल देश के कोने-कोने तक पहुंचा पाएंगे। देशवासियों को भी बीकानेर के स्वादिष्ट उत्पादों का आनंद ज्यादा आसानी से मिल पाएगा।
बीते 9 वर्षों में हमने राजस्थान के विकास के लिए हर संभव प्रयास किया है। जो बार्डर इलाके दशकों से विकास से वंचित थे, उनके डवलपमेंट के लिए हमने वाइब्रेंट विलेज योजना शुरू की है। हमने सीमांत गाँवों को देश का पहला गाँव घोषित किया है। इससे इन क्षेत्रों में विकास हो रहा है, देश के लोगों की भी सीमांत क्षेत्रों में जाने की दिलचस्पी बढ़ रही है। इससे बॉर्डर पर बसे क्षेत्रों में भी विकास की नई ऊर्जा पहुंची है।
हमारे राजस्थान को सालासर बालाजी और करणी माता ने इतना कुछ दिया है। इसलिए तो विकास के मामले में भी सबसे ऊपर होना चाहिए। आज भारत सरकार इसी भावना के साथ लगातार विकास के कामों को बल दे रही है, पूरी ताकत झोंक रही है। मुझे विश्वास है, हम सब साथ मिलकर राजस्थान के विकास को और भी तेज गति से आगे बढ़ाएँगे।

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