
फतहनगर। नगर में दिनों दिन जल संकट गहराता जा रहा है। जलदाय विभाग पीने का पानी आवश्यकतानुसार मुहैया करवाने में विफल रहा है। जोयड़ा गांव की नदी पेटे स्थित विभाग के कुए से यदि पानी की आपूर्ति नहीं की जाती है तो यह संकट आने वाले दिनों में और भी विकराल रूप धारण कर सकता है। जल संकट के लिए गली मोहल्लों में लगी पनघट योजनाओं से पानी का अत्यधिक दोहन भी बड़ा कारण माना जा रहा है।
पिछले वर्ष इस क्षेत्र में सामान्य बारिश हुई थी जिसके कारण आस पास के सभी जलाशय खाली ही रहे थे। नगर से 12 किलोमीटर दूर बड़गांव बांध में जरूर उदय सागर से छोड़ा गया पानी पहुंचा लेकिन इस बांध का सेजा ईंटाली,बड़गांव एवं चित्तौड़ जिले के गांवों में पड़ता है। ऐसे में फतहनगर क्षेत्र में भूमिगत जल स्तर काफी नीचे चला गया। इसमें भी पनघट के जरिए किए गया पानी का अत्यधिक दोहन कोढ़ में खाज का काम कर गया। सम्पूर्ण पालिका क्षेत्र में गली मोहल्लों में लगे हैंडपम्प हटाकर पालिका ने पनघट योजनाएं स्थापित कर दी जिसके परिणामस्वरूप दिन रात पानी का लोगों ने दोहन किया। इतना ही नहीं पानी का लोगों ने खूब दुरूपयोग भी किया। पनघट से पानी भर कर ले जाने में कोई हर्ज नहीं है लेकिन लोगों ने नलियां लगा कर हौज ही नहीं भरे अपितु इस पानी का अन्य कार्यों में दुरूपयोग भी किया है।
नगर में अधिकांश घरों में ट्यूबवेल लगी हैं। इनमें से अधिसंख्य जलस्तर डाउन होने से इस वक्त पानी के बजाय हवा दे रही है। प्रभावित लोग पानी के टैंकर मंगवाकर अपना काम चला रहे हैं। बड़गांव बांध से निकल रही बेड़च नदी के किनारे जोयड़ा गांव के पास जलदाय विभाग के कुए में भरपूर पानी है लेकिन लम्बे समय से क्षतिग्रस्त लाइन के दुरस्त नहीं होने से वहां का पानी आपूर्ति के लिए बंद पड़ा है। यदि जोयड़ा का पानी आ जाता है तो नगर का जल संकट मिट सकता है। जलदाय विभाग के सूत्रों के अनुसार क्षतिग्रस्त पड़ी लाइन को दुरस्त करने का काम तेजी से चल रहा है तथा 4-5 दिन में उक्त काम पूरा होने की संभावना है। इधर पानी के बकाया बिलों को 31 मई तक जमा करवाने पर विभाग पैनल्टी एवं ब्याज पर छूट दे रहा है। कार्यालय समय में जलदाय विभाग के फतहनगर दफ्तर पर जाकर बिल जमा करवाए जा सकते हैं।